चंदौसी संभल –: हिंदू पर्सनल लॉ बोर्ड के तत्वाधान में घंटाघर स्थित श्री सनातन धर्म पुस्तकालय में आर्य समाज के संस्थापक स्वामी दयानंद सरस्वती जी की जयंती मनाई गई। मुख्य अतिथि सेवानिवृत दरोगा सुरेशपाल सिंह ने कहा कि स्वामी दयानंद सरस्वती ने समाज सुधार हेतु तमाम कृतियों को समाज से दूर करके महान कार्य किया ।मुख्य वक्ता योगाचार्य योगेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि हम सभी को स्वामी जी की शिक्षा को अपने जीवन में आत्मसात करना चाहिए।
उपाध्यक्ष डॉ टी एस पाल ने स्वामी दयानंद के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा उनका बचपन का नाम मुलशंकर था उनका जन्म गुजरात के टंकारा गांव में 12 फरवरी 1824 को हुआ। उनके पिता कृष्ण जी त्रिवेदी तथा माता शोभाबाई ने बड़े लाड प्यार से लालन पालन किया ।उनकी इच्छा थी पुत्र पढ़ लिखकर सदगृहस्थ बने तथा जमीदारी और लेन देन के कार्य मे उनकी मदद करें।
परंतु मूलशंकर का मन अध्ययन एवम एकान्त में लगता था। तीव्र बुद्धि तथा विलक्षण शक्ति के कारण थोड़े दिनों में उन्हें संस्कृत के श्लोक एवं मंत्र याद हो गए। और एक महान समाज सुधारक के रूप में अपनी पहचान बनाई। हिंदू पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष कृष्ण अवतार गुप्ता ने सभी का आभार व्यक्त किया।. कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ तुमुल विजय शास्त्री ने तथा संचालन डॉ जय शंकर दुबे ने किया।कार्यक्रम के संयोजक महामंत्री डॉ योगेंद्र मोहन शास्त्री रहे। इस दौरान विनय कुमार अग्रवाल,जगदीशचंद्र राणा,ब्रज गोपाल गुप्ता,संजय कुमार गुप्ता, रमेशचंद्र वार्ष्णेय ने आदि उपस्थित रहे।