पुष्पेंद्र शर्मा
संभल, 13 जनवरी 2023
ठंड में जहां बुजुर्गों को हड्डियों और जोड़ों में दर्द की शिकायत रहती है वहीं बच्चों में निमोनिया जैसी बीमारी पनपने का खतरा रहता है। इसलिए इस ठंड में बहुत ही एहतियात की जरूरत रहती है। यह कहना उपमुख्य चिकित्साधिकारी डॉक्टर हरविंदर का।
डॉ. सिंह ने सलाह दी है की शीतलहर में शिशु के शरीर को ढककर रखें। नाजुक शरीर होने के कारण उन्हें खास देखभाल की जरूरत होती है। ठंड में बच्चों की देखभाल ही उसे बीमारी से बचाने का उपाय है। इन दिनों शिशु को आवश्यकतानुसार गर्म मुलायम कपड़े पहनाएं। इस बात का ध्यान रखें कि बच्चे का सिर, गला और हाथ पूरी तरह से ढका हुआ हो, पैरों में गर्म मौजे हों। ठंड के दिनों में बच्चों को स्किन रैशेज का खतरा ज्यादा रहता है। ऐसे में बच्चों के कपड़ों का सही तरीके से चुनाव नहीं किया गया तो कुछ कपड़े बच्चों के लिए तकलीफदेह साबित हो सकता है। ठंड में बच्चों को पानी में भीगने से बचाएं। बच्चों को खुली हवा में खेलने से रोकें। इससे बच्चों में बुखार का खतरा बना रहता है। साथ ही निमोनिया भी हो सकता है। अगर किसी बच्चे या बुजुर्ग में खांसी बुखार सर्दी जैसे लक्षण लगे तो तुरंत नजदीकी सरकारी स्वास्थ्य केंद्र जाकर चिकित्सक को दिखाएं।