डा0 गौरी वाष्र्णेय बखूबी कर रही हैं कुपोषित बच्चों को सुपोषित करने का कार्य

0
78

सम्भल/चन्दौसी (राकेश हर्ष वर्धन)। नगर के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में अप्रैल 2022 में पोषण पुनर्वास केन्द्र का शुभारम्भ किया गया था। शुभारमभ की तिथि 1 अप्रैल से ही इस केन्द्र का प्रभारी सीएचसी में तैनात डा0 गौरी वाष्र्णेय को बनाया गया था।

इस पुनर्वास केन्द्र में अभी तक डा0 गौरी लगभग 76 कुपेषित तथा अति कुपोषित बच्चों को सुपोषित करने का कार्य कर चुकी हैं। इनमें वह बच्चे भी शामिल हैं जिनके अभिभावक अपने बच्चों को लेकर अति चिन्तित थे तथा वह अपने बच्चों को बरेली, दिल्ली आदि बड़े बड़े शहरों में दिखा कर पूरी तरह निराश हो चुके थे। लेकिन फिर किसी ने उन्हे डा0 गौरी से मिलवाया। डा0 गौरी ने उचित डाक्टरी देखरेख, पूर्ण सुविधायें तथा उचित खान पान प्रदान कर उन बच्चों को 15 दिन के अन्दर पूर्णतया सुपोषित कर दिया।

आज वह लोग डा0 गौरी को न केवल दिल से दुआयें दे रहे हैं वरन उन्हें अपना भगवान मान रहे हैं। विदित हो कि डा0 गौरी अति होनहार तथा योग्य डाक्टर होने के साथ साथ अपने मृदु व्यवहार तथा आत्मीयता के चलते मरीजों में अत्यंत लोकप्रिय हैं। वह नगर के रविन्द्र कुमार रुपी की पुत्री हैं। तथा नगर के जाने माने सम्राट हाॅस्पीटल के संचालक डा0 शेखर वाष्र्णेय की सगी बहिन हैं। 

             एक विशेष सक्षात्कार में डा0 गौरी ने बताया कि जिन भी माताओं के बच्चे कुपोषित अथवा अति कुपोषित हैं वह किसी भी प्रकार से निराश न हों। वह एक बार अपने बच्चे को लेकर सामुदयिक स्वास्थ्य केन्द्र के पोषण पुर्नवास केन्द्र में आयें। यहां पर 15 दिन में उनके बच्चे को सुपोषित करने का कार्य सफलता पूर्वक किया जाता है।

इस केन्द में 10 बैड हैं जहां बच्चे तथा उसकी मां या अभिभावक को 15 दिन के लिये एडमिट किया जाता है। यहां बच्चे को हर प्रकार का उचित डाक्टरी परामर्श, दवाईयां, हर प्रकार के टेस्ट, उचित देखभाल तथा खान पान व दूध आदि की सुविधायें पूर्णतया निशुल्क प्रदान की जाती हैं। इतना ही नहीं बच्चों के साथ रह रही उनकी माताओं को भी तीन टाइम का भरपेट भोजन निशुल्क दिया जाता है।

इसके साथ ही बच्चे की माताओं को 50 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से प्रदान किये जाते हैं जोकि उनके बैंक खाते में जाते हैं। इसके अलावा प्रत्येक 15 दिन बाद उनका 4 बार फाॅलोअप भी किया जाता है तथा प्रत्येक फाॅलोअप में उन्हें 100 रुपये प्रदान किये जाते हैं। इस प्रकार कुल 1150 रुपये भी बच्चों की माताओं को प्राप्त होते हैं। यहां दाखिल बच्चों की माताओं का जब साक्षात्कार लिया गया तो सभी ने डा0 गौरी की एवं यहां प्रदान की जाने वाली सुविधाओं की दिल खोलकर प्रशंसा की। यहां कई बार सर्वे करने पर पाया गया कि डा0 गौरी इन बच्चों के लिये पूर्णतया समर्पित हैं तथा इन्हें बिल्कुल अपने बच्चों जैसा प्यार व देखभाल देती हैं। इन बच्चों की सेवा में वह अपने 2 वर्षीय एकमात्र पुत्र को भी समय प्रदान नहीं कर पाती हैं। डा0 गौरी से इस वारे में जब पूंछा गया तो उन्होने बताया कि इन बच्चों की सेवा करने एवं इन्हें सुपोषित करने में जिस सुख की अनुभूति होती है वह अपने स्वंय के बच्चे को दिये जाने वाले समय से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण एवं सुखदायी लगती है। मैं तो इन सबको ही अपना बच्चा मानती हूं। डा0 गौरी के इस समर्पित कार्य में उनका नर्सिंग स्टाफ जिसमें विशाल, अनीता तथा चंचल शामिल हैं, कुक सुधा तथा केयर टेकर पूजा भी पूर्ण सहयोग करते हैं।

इस पुनर्वास केन्द्र की साफ सफाई एवं व्यवस्थाओं की भी जितनी तारीफ की जाये कम है। डा0 गौरी ने बताया कि यहां 6 माह से लेकर 5 साल तक के बच्चे एडमिट किये जाते हैं।ं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता तथा आरबीएसके टीम भी बच्चों को भर्ती करवाती है। इसके अतिरिक्त ओपीडी से भी बच्चे भर्ती किये जाते हैं। जिनके भी बच्चे कुपोषित या अति कुपोषित हैं अथवा जिसकी नजर में भी ऐसे बच्चे हों उन्हें एक बार सीएचसी के पोषण पुनर्वास केन्द्र में अवश्य लेकर आयें।