बच्चों को सुपोषित बनाने के लिए सरकार द्वारा लगातार हर स्तर पर हरसंभव प्रयास –डॉ- गौरी वार्ष्णेय

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आलोक शर्मा


डॉ- गौरी वार्ष्णेय

(संभल) 19 नवंबर 2022।बच्चों को सुपोषित बनाने के लिए सरकार द्वारा लगातार हर स्तर पर हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) चंदौसी समुदायिक केंद्र में मार्च 2022 से स्थापित हुआ।1म‌ई से यहाँ अब तक 78 बच्चों को स्वस्थ जीवन प्रदान किया जा चुका है। इन बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र तक लाने में ग्रामीण इलाकों में कार्य करने वाली आशा , आंगनबाड़ी और डॉक्टर गौरी का महत्वपूर्ण योगदान है। यह जानकारी उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर हरविंदर सिंह ने दी।
उन्होंने बताया कि जनपद के आशा और आंगनबाड़ी के सहयोग से इस वित्तीय वर्ष में म‌ई 2022 से अबतक 78 बच्चों को बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार (आईसीडीएस) विभाग के सहयोग से अब तक 78 बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र का लाभ मिला है। 4 बच्चे इस समय पुनर्वास केंद्र पर मौजूद बच्चों को स्वास्थ्य लाभ दिया जा रहा है कुपोषित बच्चों का 14 दिनों तक भर्ती कर उन्हें पोषण युक्त खाद्य पदार्थ डाईट चार्ट के अनुसार दिया जाता है, जिससे कि बच्चे के शरीर में जल्द से जल्द पोषक तत्व की कमी को पूरा किया जा सके। बच्चों के इलाज के साथ ही उनके परिजनों की भी काउंसलिंग की जाती है।

  • चंदौसी आवास विकास की रहने वाली , आराध्या की माँ ने बताया कि आशा सविता के बताए अनुसार उनके सहयोग से मैंने अपनी बच्ची को सरकारी अस्पताल चंदौसी मैं पोषण पुनर्वास केंद्र प्रभारी – डॉक्टर गौरी को दिखाया आराध्या की मां ने बताया भर्ती करते समय 2.5साल के आराध्या का वजन 7 किलोग्राम था, 10 दिन भर्ती के बाद बढ़कर 8.2किग्रा ग्राम हो गया। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ज्योति जी के सलाह पर इस केंद्र में भर्ती कराया गया था इसका बहुत लाभ मिला।
    करीब पौने साढ़े चार वर्षीय राजवती की मां ने बताया कि जब उसकी बेटी को भर्ती कराया गया था तो उसका वजन 8.5 किलो ग्राम था, सात दिन बाद 9.675 किलोग्राम हो गया। बनिया खेड़ा ब्लाक की कुपोषित बच्ची तीन वर्षीय बिल्किश के पिता रिजवान ने बताया कि भर्ती के समय उनकी बेटी का वजन 6.450 किलोग्राम था, सात दिन में 7.920 किग्रा वजन हो गया था। *डॉ गौरी वार्ष्णेय ( एनआरसी) प्रभारी *
    ने बताया कि वह अपनी स्टाफ नर्स विशाल के साथ भ्रमण कर बच्चों के इलाज के बारे में जानकारी लेते हैं। इसके साथ ही बच्चे के परिजनों को उनके खानपान, रहन सहन और बच्चों की ‘कैसे देखभाल करें’ इसकी काउंसलिंग भी की जाती है। कुपोषित बच्चों को न्यूनतम 14दिन और अधिकतम 28 दिन तक इस केंद्र में रखा जाता है और यहाँ से छुट्टी होने के बाद उनके घर पर 15-15 दिनों पर फॉलोअप भी किया जाता है। वहीं इनके आने जाने के लिए 140 रुपये प्रति बच्चा अभिभावक के खाते में दिया जाता है, जबकि 14 दिन तक भर्ती होने के दौरान प्रतिदिन 50 रुपये के हिसाब से उनकेपरिजन के पंजीकृत खाते में भेजे जाते हैं।
  • उप मुख्य चिकित्सा धिकारी- डॉ हरविंदर सिंह ने बताया कि यहां पर आए हुए कुपोषित और अति कुपोषित बच्चों को कुपोषण कैटेगरी के अनुसार खानपान दिया जाता है, जिसमें दूध के अलावा खिचड़ी, हलवा, खीर और अन्य खाद्य पदार्थ जो इनके स्वस्थ होने में लाभकारी हों,उपलब्ध कराया जाता है। इसके अलावा कुपोषित बच्चे के साथ आए एक परिजन को भी भोजन निःशुल्क कराया जाता है।