चंदौसी /संभल आज दिनांक 5 अगस्त 2022 जिले में वायरल बुखार के संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड में है। इसी क्रम में अस्पतालों में ओपीडी में अति सतर्कता वरती जा रही है स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी चंदौसी डॉक्टर हरविंदर सिंह के अनुसार 50 फ़ीसदी मरीज सिर्फ वायरल संक्रमण के आ रहे हैं। पीड़ितों में बच्चों की संख्या काफी अधिक है। उन्होंने बताया कि जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर जांच और जरूरी दवाओं की समुचित व्यवस्था उपलब्ध है। जिले में वायरल बुखार की निगरानी और नियंत्रण के लिए मेडिकल टीम भी बनाई गई है ।
बीमारी को नियंत्रण करने के लिए विभाग हाई अलर्ट मोड़
*बच्चों पर खास नजर रखने की जरूरत- डॉ- हरविंदर सिंह
वायरल बुखार के,
जानें लक्षण व बचाव
इन दिनों वायरल बुखार का प्रकोप है। ऐसे में बच्चों पर खास नजर रखने की जरूरत हैं।
*क्या है वायरल बुखार
पुष्पेंद्र शर्मा
विस्तार
बदलते मौसम से बच्चों एवं बड़ों पर वायरल बुखार का खतरा बढ़ने लगा है। अस्पतालों की ओपीडी में 45से50 प्रतिशत मरीज वायरल बुखार के आ रहे हैं। उनका कहना है कि वायरल बुखार के कारण बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता तेजी से कम होती है। ऐसे में अगर कोरोना का खतरा बढ़ा तो वे आसानी से उसकी चपेट में आ सकते हैं। इससे जरूरी है कि बच्चों के लक्षणों पर विशेष नजर रखी जाए और किसी भी तरह का बदलाव होने पर अपने नजदीकी सरकारी स्वास्थ्य केंद्र जाकर डॉक्टर को तत्काल दिखाकर निशुल्क दवाई प्राप्त कर सकते हैं। यह बुखार प्रदूषित जल और बासी भोजन के सेवन से होता है। वायरल बुखार बहुत तेजी से एक इंसान से दूसरे तक पहुंच जाता है। यह बुखार एक साथ कई लोगों को हो जाता है।
स्त्री एवं बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर खैलेंद्र सक्सेना का कहना है
आमतौर पर देखा गया है कि बच्चों को 6 से 8 बार श्वसन संबंधी संक्रमण हो जाते हैं
वायरल से बचाव के लिए जरूरी है कि बच्चों के खानपान व साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्हें पोषक तत्व वाले आहार दें। बताया कि वायरल और कोरोना के लक्षण एक जैसे ही हैं। इसलिए लक्षण आते ही घरेलू उपचार करने के बजाय सरकारी अस्पताल में विशेषज्ञ के पास ले जाएं। मास्क, सामाजिक दूरी और सेनिटाइजेशन के मानक का पालन करें। डॉक्टर के निर्देश पर कोरोना की जांच कराए।
ये लक्षण हैं प्रमुख
बुखार, गले में खराश, नाक से पानी गिरना, छाती और पेट में दर्द, शरीर में दर्द और उल्टी आना, खाना न खाना और सांस फूलना।
ऐसे करें बचाव
अगर घर में किसी बच्चे को वायरल बुखार होता है तो उसे दूसरे से दूर रखें
एक टेंपरेचर चार्ट बनाएं और हर दो घंटे के बाद थर्मामीटर से उसके शरीर तापमान जांच कर उसे चार्ट में दर्ज करें
गुनगुने पानी में मुलायम टॉवल भिगोकर उसका शरीर पोंछें
बच्चों की नियमित डाइट में रंग-बिरंगे फलों और सब्जियों को प्रमुखता से शामिल करें, इससे उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होगी और उन्हें बार-बार बुखार की समस्या नहीं होगी
गले में खराश होने पर बच्चे को गुनगुना पानी पीने को दें
फ्रिज से तुरंत निकालने के बाद उन्हें कोई भी चीज खाने को न दी जाए
ये सावधानी बरतें
बाहर का खाना न खिलाएं
बच्चे को पानी उबालकर उसे ठंडा कर पिलाएं
सामान्य तापमान में रखें
जब भी बच्चा खाना खाए उसका हाथ अच्छी तरह धुलवाएं
माता-पिता भी साफ सफाई रखें
उपचार को बीच में अधूरा न छोड़ें। बच्चे को सभी दवाएं निश्चित समय पर दें। डॉक्टर के सभी निर्देशों का पालन करें
जब तक बुखार दूर न हो जाए, बच्चे को स्कूल न भेजें