सम्भल/चन्दौसी (राकेश हर्ष वर्धन)। नगर के सीता रोड स्थित श्री गीता सत्संग भवन में श्री गीता सत्संग महिला मण्डल, युवा महिला मण्डल तथा श्री गीता सत्संग मण्डल ने सामूहिक रुप से तुलसी पूजन दिवस धूमधाम से मनाया।
दोनों महिला मण्डलों ने रंगोली बनाकर तथा तुलसी माता का पूर्ण श्रंगार करके उनका धूप, दीप, निवेध, फल, फूल द्वारा पूजन किया। महिला मण्डल ने तुलसी माता की आरती तथा भजन आदि का आयोजन किया वहीं युवा महिला मण्डल ने इस अवसर पर भजनों पर जमकर नृत्य तथा कीर्तन आदि के द्वारा माहौल को खुशनुमा बनाते हुए उसमें मस्ती के रंग घोले।
महिला मण्डल की संयोजिका इन्दु अग्रवाल ने बताया कि तुलसी केवल एक पौधा ही नहीं है बल्कि धरा के लिये एक वरदान है। आयुर्वेद में तुलसी को अमृत कहा गया है क्योंकि यह औषधीय पौधा है। इसका नियमित उपयोग व्यक्ति को उत्साहित, खुश तथा शांत रखता है।
भगवान विष्णु की पूजा बिना तुलसी के पूर्ण नहीं होती है। वृंदा, वृंदावनी, विश्व पावनी, विश्व पूजिता, पुष्प सारा, नन्दिनी, तुलसी और कृष्णा यह तुलसी देवी के आठ नाम हैं। जो व्यक्ति तुलसी की पूजा करके इस नाम अष्टक का पाठ करता है उसे अश्वमेध यज्ञ का फल प्राप्त होता है।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन रक्षा मंत्रालय के मुताबिक तुलसी में एंटी आॅक्सीडेंट गुणधर्म होते हैं और यह आणविक विकर्णों से क्षतिग्रस्त केशों को स्वस्थ्य बना देती है। तुलसी संक्रमण रोगों जैसे टीबी, मलेरिया आदि की चिकित्सा में बहुत उपयोगी है। तुलसी का पौधा हमें 24 घंटे आॅक्सीजन देता है इसलिये भी पूजनीय है। भगवान श्री राम ने गोमती तट पर, श्री कृष्ण ने वृन्दावन में, सीता जी ने अशोक वाटिका में, पार्वती जी ने हिमालय पर्वत पर तुलसी के वृक्ष लगाये थे।
इस अवसर पर इन्दु अग्रवाल, भारती, श्वेता, निधि, मीनाक्षी, सुपिया, इति, रिचा, शिखा, निमिषा अग्रवाल, सोनम, सोनल, शुभ्रा, शिवि, रितु, कामना, अलका, मंजू, रानी, कविता, मीरा, साधना, माधुरी, सुनीता, शोभा, अंजू, नीलम, मृदुला, सीमा, रेशमा, उषा, निशा, रागिनी, अनूप कुमार, जितेन्द्र कुमार, अनिल सुपर, प्रमोद सर्राफ आदि उपस्थित रहे।