संभल। 5 अगस्त 2022।राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत 102 हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर में कार्यरत सीएचओ के माध्यम से सक्रिय क्षय रोगी खोजी अभियान 23 अगस्त से चल रहा है। छह दिनों में टीबी के नये मरीज खोजे गए और उनका इलाज शुरू कर दिया गया है। अभियान के दौरान छह दिनों में 430 लोगों के बलगम की जाँच की गयी जिसमें टीबी के नए 17 मरीज मिले हैं। यह जानकारी जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ0 सन्तोष कुमार ने दी।
डीटीओ ने बताया कि एएनएम व आशा टीम बनाकर घर-घर जाकर लोगों की स्क्रीनिंग कर बलगम एकत्रित किए गए। सीएचओ की ओर से खोजे गए नए टीबी मरीजों का इलाज चल रहा है। अभियान के दौरान पहले की तुलना में लोगों में टीबी के प्रति जागरूकता दिखी। उन्होंने बताया कि यदि टीबी की पहचान शुरुआती दिनों में हो जाए तो मरीज 6 माह के लगातार इलाज से ठीक हो जाता है। टीबी का इलाज अधूरा छोड़ने पर बढ़ जाता है और कुछ समय बाद बाद यह मल्टी ड्रग रेजिस्टेंट (एमडीआर) टीबी के रूप में सामने आता है जो खतरनाक है।
6 माह के लगातार इलाज से सही हो जाता है टीवी का मरीज
डीडीओ- डॉ-संतोष कुमार सिंह
जिला समन्वयक पंकज यादव ने बताया कि टीबी के मरीज ड्रग रेजिस्टेंट न हो इसके लिए स्वास्थ्य विभाग और जिला टीबी नियंत्रण इकाई की ओर से मरीजों का नियमित फॉलोअप किया जाता है। वहीं टीबी के मरीज को पौष्टिक आहार मिल सके, इसके लिए उन्हें प्रतिमाह निक्षय पोषण योजना के तहत 500 रुपये पोषण भत्ते के रूप में सीधे मरीज के खाते में भेजे जाते हैं।
जिला क्षयरोग अधिकारी डॉक्टर सन्तोष कुमार ने बताया कि जिले में इस समय लगभग 3692 टीबी मरीजों का इलाज चल रहा है। जिसमें से 82 एमडीआर टीबी के रोगी हैं। जनवरी 2022से अब तक कुल 3229 टीबी रोगी नोटिफाई किये जा चुके हैं। 2018 से अभी तक निक्षय पोषण योजना में क्षय रोगियों को लगभग 1 करोड़ 70लाख 43 हजार का भुगतान डीबीटी के द्वारा किया जा चुका है।
क्या होता है क्षय रोग :-
जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि दो सप्ताह या अधिक समय तक खांसी आना, खांसी के साथ बलगम आना, बलगम में कभी-कभी खून आना, सीने में दर्द होना, शाम को हल्का बुखार आना, वजन कम होना और भूंख न लगना टीबी के सामान्य लक्षण हैं।
क्या कहाँ मरीज़ों ने :-
अकराबाद निवासी (परिवर्तित नाम लोंगश्री) , ने बताया कि मुझे कुछ दिनो से खांसी हो रही थी।मुझे लगा कि यह साधारण सी बात है। फिर क्षय रोग अभियान के तहत आशा, सीएचओ ने मेरे घर पहुंच कर बलगम लिया और,फिर बलगम की जांच हुई तो टीबी रोग की पुष्टि हुई टीबी का इलाज शुरू हो गया।
(परिवर्तित नाम नेमवती) ने बताया कि मुझे खांसी, बुख़ार और वजन भी तेजी से गिरने लगा। आशा ने मेरे घर पर पहुंच कर बलगम इकट्ठा करके पास के सरकारी टीबी लैब में जांच कराया तो टीबी रोग की पुष्टि हुई। टीबी का इलाज शुरू हो गया है।
सक्रिय क्षय रोगी अभियान में मिले 17 नए मरीज
6 माह के लगातार इलाज से सही हो जाता है टीवी का मरीज
डीडीओ- डॉ-संतोष कुमार सिंह
संभल। 5 अगस्त 2022।राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत 102 हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर में कार्यरत सीएचओ के माध्यम से सक्रिय क्षय रोगी खोजी अभियान 23 अगस्त से चल रहा है। छह दिनों में टीबी के नये मरीज खोजे गए और उनका इलाज शुरू कर दिया गया है। अभियान के दौरान छह दिनों में 430 लोगों के बलगम की जाँच की गयी जिसमें टीबी के नए 17 मरीज मिले हैं। यह जानकारी जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ0 सन्तोष कुमार ने दी।
डीटीओ ने बताया कि एएनएम व आशा टीम बनाकर घर-घर जाकर लोगों की स्क्रीनिंग कर बलगम एकत्रित किए गए। सीएचओ की ओर से खोजे गए नए टीबी मरीजों का इलाज चल रहा है। अभियान के दौरान पहले की तुलना में लोगों में टीबी के प्रति जागरूकता दिखी। उन्होंने बताया कि यदि टीबी की पहचान शुरुआती दिनों में हो जाए तो मरीज 6 माह के लगातार इलाज से ठीक हो जाता है। टीबी का इलाज अधूरा छोड़ने पर बढ़ जाता है और कुछ समय बाद बाद यह मल्टी ड्रग रेजिस्टेंट (एमडीआर) टीबी के रूप में सामने आता है जो खतरनाक है।
जिला समन्वयक पंकज यादव ने बताया कि टीबी के मरीज ड्रग रेजिस्टेंट न हो इसके लिए स्वास्थ्य विभाग और जिला टीबी नियंत्रण इकाई की ओर से मरीजों का नियमित फॉलोअप किया जाता है। वहीं टीबी के मरीज को पौष्टिक आहार मिल सके, इसके लिए उन्हें प्रतिमाह निक्षय पोषण योजना के तहत 500 रुपये पोषण भत्ते के रूप में सीधे मरीज के खाते में भेजे जाते हैं।
जिला क्षयरोग अधिकारी डॉक्टर सन्तोष कुमार ने बताया कि जिले में इस समय लगभग 3692 टीबी मरीजों का इलाज चल रहा है। जिसमें से 82 एमडीआर टीबी के रोगी हैं। जनवरी 2022से अब तक कुल 3229 टीबी रोगी नोटिफाई किये जा चुके हैं। 2018 से अभी तक निक्षय पोषण योजना में क्षय रोगियों को लगभग 1 करोड़ 70लाख 43 हजार का भुगतान डीबीटी के द्वारा किया जा चुका है।
क्या होता है क्षय रोग :-
जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि दो सप्ताह या अधिक समय तक खांसी आना, खांसी के साथ बलगम आना, बलगम में कभी-कभी खून आना, सीने में दर्द होना, शाम को हल्का बुखार आना, वजन कम होना और भूंख न लगना टीबी के सामान्य लक्षण हैं।
क्या कहाँ मरीज़ों ने :-
अकराबाद निवासी (परिवर्तित नाम लोंगश्री) , ने बताया कि मुझे कुछ दिनो से खांसी हो रही थी।मुझे लगा कि यह साधारण सी बात है। फिर क्षय रोग अभियान के तहत आशा, सीएचओ ने मेरे घर पहुंच कर बलगम लिया और,फिर बलगम की जांच हुई तो टीबी रोग की पुष्टि हुई टीबी का इलाज शुरू हो गया।
(परिवर्तित नाम नेमवती) ने बताया कि मुझे खांसी, बुख़ार और वजन भी तेजी से गिरने लगा। आशा ने मेरे घर पर पहुंच कर बलगम इकट्ठा करके पास के सरकारी टीबी लैब में जांच कराया तो टीबी रोग की पुष्टि हुई। टीबी का इलाज शुरू हो गया है।