यूपी न्यूज़ भारत चंदौसी –: सर्व समाज जागरूकता अभियान भारत एवम महापुरुष स्मारक समिति के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस एवम नोबेल पुरस्कार ,भारत रत्न, वैज्ञानिक सी वी रमन की जयंती सीता रोड स्थित नीलम हॉस्पिटल में मनाई गई। सर्वप्रथम मुख्य अतिथि/मुख्य वक्ता अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कवि माधव मिश्र ने चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर समारोह का शुभारम्भ किया। अध्यक्षता डा महेश कुमार गुप्ता ने की, संचालन डा अरविंद कुमार गुप्ता ने किया। कार्यक्रम संयोजक डा निशा गुप्ता रही। विशिष्ट अतिथि डा अरविंद कुमार (एमडी, एम सी एच), डा हरीश गौतम, अंकित अग्रवाल,पंकज अग्रवाल,शिवम पाठक, राहुल सिंह, शोभित कुमार, डा तबस्सुम, रहे। व्यवस्थापक वासुदेव शास्त्री, सत्यवीर सिंह, अर्चित कुमार रहे। मुख्य अतिथि/मुख्य वक्ता अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कवि माधव मिश्र ने समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि कैंसर ऐसी बीमारी है जिसका खोफ विश्व के कोने कोने में देखने को मिलता है, लेकिन समझदारी, सतर्कता, खानपान एवम सही दिनचर्या से इस घातक बीमारी से बचा जा सकता है। कैंसर क्या होता है? कैसे होता है? शरीर में कोशिकाओं के समूह की अनियंत्रित वृद्धि कैंसर है। जब यह कोशिकाए टिशू को प्रभावित करती है,तव कैंसर शरीर के अंदर हिस्सों में फैल जाता है। कैंसर के बारे में जागरूक होकर अगर कुछ महीनों में जांचे कराते रहेंगे , तव प्रारम्भिक अवस्था में कैंसर को पूर्णरूप से सही किया जा सकता है। केंसर एल्कोहल, नशीले पदार्थ के सेवन, बीड़ी सिगरेट, गुटखा, पान तम्बाकू, मोटापा, पौष्टिक आहार न लेने, अपनी दिनचर्या में व्यायाम शामिल न होने, वायु प्रदूषण से, आनुवांशिक कारणों से कैंसर हो सकता है। महिलाओं में स्तन कैंसर, गर्भाशय कैंसर, और सर्वाइकल कैंसर, से ज्यादा मौतें होती हैं। पुरुषों में सबसे ज्यादा मौत मुख कैंसर, गला केंसर, फेफड़ा कैंसर, स्टमक, लीवर, ब्रेन कैंसर से होती हैं। त्वचा कैंसर, ब्लड कैंसर, प्रोस्टेस कैंसर, किडनी कैंसर, पेंक्रियाज कैंसर, बोन कैंसर, थायरॉयड कैंसर से भी मौतें होती हैं।आपको कहीं भी कैंसर के लक्षण डॉक्टर द्वारा बताए जाएं तत्काल मुझसे संपर्क करें जिससे इलाज के बाद जान बचाई जा सके। राष्ट्रीय अध्यक्ष कवि माधव मिश्र ने आगे कहा कि नोबेल पुरस्कार से सम्मानित वैज्ञानिक सी वी रमन का जन्म ७नवंबर १८८८को तमिलनाडु के तिरु चिरापल्ली शहर में हुआ था। रमन जी के पिता का नाम चंद्रशेखर अय्यर, माता का नाम पार्वती अम्मल था। उन्होंने १९०७में भौतिकी में स्नातकोत्तर किया। उन्होंने शोध पत्र प्रकाशित किए। वह पहले कलकत्ता में सहायक महालेखाकार बने।उनका विवाह लोकसुंदरी से ६मई १९०७ में हुआ।बाद में महान वैज्ञानिक डा अमृत लाल सरकार के संपर्क में आकर आगे बढ़ कर युवा वैज्ञानिक बन गए। सी वी रमन के शोध पत्र जब कुलपति सर आशुतोष मुखर्जी ने पढ़ा तव उन्हे विश्व विद्यालय में प्रोफेसर नियुक्त किया।१९२४ में रॉयल सोसाइटी ऑफ लंदन का फेलो चुना गया। उन्होंने १९२८में रमन इफैक्ट (रमन प्रभाव) की खोज की। इसके लिए उन्हें १९३०में भौतिकी का नोबेल पुरस्कार दिया गया। उन्होंने विश्व में पूरे भारत को गौरवान्वित किया।उन्हे विश्व विद्यालयो ने पी एच डी, डी एस सी,की उपाधि प्रदान की। आगे चलकर डा रमन इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरू के निदेशक बने। उन्होंने बैंगलोर में रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट की स्थापना की।१९५४ में उन्हे भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया।१९५७ में अंतरराष्ट्रीय लेनिन पुरस्कार मिला । इस महान वैज्ञानिक ने २१नवंबर १९७० को बेगलुरु में अंतिम सांस ली। अध्यक्षता करते हुए डा महेश कुमार गुप्ता, संचालक डॉक्टर अरविन्द कुमार गुप्ता, संयोजिका डा निशा गुप्ता, डा अरविंद कुमार (एम डी), डा हरीश गौतम, डा तबस्सुम,अंकित अग्रवाल, पंकज अग्रवाल, शोभित कुमार, शिवम पाठक, राहुल सिंह, अर्चित कुमार, वासुदेव शास्त्री, सत्यवीर सिंह ने विचार व्यक्त किए। प्रताप सिंह, धर्म पाल, देवेंद्र सिंह, राजेंद्र सिंह, अवधेश कुमार, विनोद कुमार, हरीश पाल, ममता पासवान,मोनिका,राखी, अरुणा सैनी, आनंदी देवी, पप्पू, खुशबू, लक्ष्मी देवी, सुनीता कुमारी, शहनाज, सीमा कुमारी, सुधा देवी, सुषमा देवी, कल्लू आदि उपस्थित रहे।