संभल/चन्दौसी (ाकेश हर्ष वर्धन 9012678922, 9456611022)। संस्कार भारती चन्दौसी ने नवसंवत्सर 2078 का स्वागत चंदन वंदन के साथ धूमधाम एवं हर्षोल्लास से किया।
हिन्दू एवं भारतीय संस्कृति को जीवित रखने, उसे जन जन तक पहुँचाने एवं भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति को नई ऊचाँईयों पर ले जाने में कार्यरत संस्कार भारती चन्दौसी इकाई के सदस्य अपने नगर अध्यक्ष राम किशोर मिश्रा के संयोजन में चैत्र शुक्ल प्रतिपदा दिन मंगलवार को सुबह 7 बजे नगर के घंटाघर स्थित मन्दिर पर एकत्रित हुए। जहाँ उन्होने आते जाते राहगीरों को चंदन लगाकर तथा वंदन कर युगाब्द 5123, विक्रम संवत 2078 की शुभकामनायें दीं।
इतना ही नहीं उन्होने लोगों को मास्क, सेनेटाइजर, फल आदि वितरित कर उन्हें कोरोना काल में सरकर द्वारा दिये जा रहे दिशा निर्देशों का पालन करने के प्रति भी जागृत किया। जिससे वह स्वंय भी सुरक्षित रह सकें तथा पूरे समाज को भी सुरक्षित रख सकें। संस्कार भारती के सदस्यों ने मन्दिर में पूजा कर ईश्वर से प्रार्थना की कि हमारा देश तथा पूरा विश्व जल्द से जल्द कारोना तथा अन्य महामारियों के चंगुल से मुक्त हो। आने वाले हिन्दू नव वर्ष में हर नागरिक स्वस्थ्य तथा खुशहाल रहे।
सुबह 7 बजे से लेकर 10 बजे तक चले इस कार्यक्रम में संस्कार भारती का प्रत्येक सदस्य मास्क लगाये हुए था तथा कोरोना से संबधित सभी गाइड लाइन्स का पूर्ण पालन कर रहा था। इस दौरान संस्कार भारती के प्रांतीय अध्यक्ष डा0 राजीव लोचन शर्मां ने कहा कि चंदन लगाकर वंदन करने से आयु, विद्या और धन की वृद्धि होती है। प्रांतीय कोषाध्यक्ष इन्द्र पाल शर्मा ने कहा मनुष्य के माथे पर चंदन लगाने से शीतलता का भाव पैदा होता है व झुक कर वंदन करने सं अहंकार नष्ट होता है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे नगर अध्यक्ष राम किशोर मिश्रा ने कहा चंदन वंदन से सहजता व सरलता का भाव पैदा होता है। व्यक्ति में संस्कारों एवं श्रेष्ठता की वृद्धि होती है। विभागीय संयोजक वैद्य बृजनन्दन शर्मा ने सभी का आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम में हरिओम कश्यप, पुष्पेन्द्र सिंह, प्रभात कृष्णा, रविन्द्र कुमार सक्सैना, डा0 मधुपमा वाष्र्णेय, डा0 टी0एस0 पाल, रमेश चन्द्र बोहरा, रश्मि हर्ष वर्धन, लता वाष्र्णेय, रुचिका गुप्ता, नरेन्द्र शर्मा, नेत्रपाल गुप्ता, चरन सिंह, राकेश हर्ष वर्धन एडवोकेट, एस0एन0 शर्मा, मुकेश नन्दन शर्मा, संदीप अक्षत, डा0 जयशंकर दुबे, प्रवीण आर्य आदि उपस्थित रहे।