पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की जयंती सीता रोड स्थित नीलम हॉस्पिटल में धूमधाम से समारोह पूर्वक मनाई

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यूपी न्यूज़ भारत चंदौसी –: महा पुरुष स्मारक समिति एवम सर्व समाज जागरूकता अभियान (भारत) के संयुक्त तत्वावधान में एकात्म मानववाद के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की जयंती सीता रोड स्थित नीलम हॉस्पिटल में धूमधाम से समारोह पूर्वक मनाई गई। सर्वप्रथम मुख्य अतिथि/मुख्य वक्ता अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कवि माधव मिश्र ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर समारोह का शुभारंभ किया। अध्यक्षता डॉक्टर महेश गुप्ता ने की। संचालन डॉक्टर अरविन्द कुमार गुप्ता ने किया। विशिष्ट अतिथि डॉक्टर निशा गुप्ता, डॉक्टर राहुल हर्ष वर्धन, डॉक्टर नीलम गुप्ता, अंकित अग्रवाल, पंकज अग्रवाल, अनुज कुमार गुप्ता शोभित कुमार, रहे। व्यवस्थापक विकास यादव, वासुदेव शास्त्री,राहुल सिंह, राम बाबू रहे। मुख्य अतिथि/मुख्य वक्ता अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कवि माधव मिश्र ने जयंती समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी संगठन कर्ता, पत्रकार, कुशल राजनीतिज्ञ, लेखक थे। उन्होंने भारत की सनातन विचारधारा को युगानुकू ल रुप में प्रस्तुत करते हुए देश को एकात्म मानववाद नामक विचारधारा दी। पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के द्वारा निर्मित राजनैतिक जीवन दर्शन का पहला सूत्र है। उनके शब्दों में -“भारत में रहने वाला और इसके प्रति ममत्व की भावना रखने वाला मानव समूह एक जन है।उनकी जीवन प्रणाली, कला,साहित्य ,दर्शन सब भारतीय संस्कृति है।इस संस्कृति में निष्ठा रहे तभी भारत एकात्म रहेगा।”उनका कहना था कि भारत में सभी धर्मो को समान अधिकार प्राप्त है, वसु धेव कुटुम्बकम भारतीय सभ्यता में प्रचलित है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी ने राष्ट्रधर्म, पाञ्चजन्य और स्वदेश जैसी पत्र पत्रिकाएं प्रारंभ की। वह १९३७ में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े। आजीवन संघ के प्रचारक रहे।वे भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष भी रहे। राष्ट्रीय अध्यक्ष कवि श्री मिश्र ने बताया पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी का जन्म २५सितंबर १९१६ को मथुरा जिले के नगला चंद्रभान ग्राम में हुआ था। आपके पिता भगवती प्रसाद उपाध्याय जलेसर रोड स्टेशन pr सहायक स्टेशन मास्टर थे।आपकी माता जी रामप्यारी देवी धार्मिक प्रवृति की महिला थी।जब तीन साल के थे पिता का निधन हो गया। ननिहाल में पालन पोषण हुआ।आपने बी ए सनातन धर्म कॉलेज कानपुर से किया। आगरा से एम ए उत्तरार्द्ध करते समय बहिन की मृत्यु के कारण परीक्षा नहीं दे पाए।आपका प्रशासनिक सेवा में च यन हुआ।लेकिन अंग्रेजों की नौकरी नहीं की।२१ अक्टूबर १९५१ को डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने भारतीय जनसंघ की स्थापना की तव पण्डित जी को महासचिव बनाया।एक बार पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की कार्यकुशलता से प्रभावित होकर डॉक्टर मुखर्जी ने कहा था “यदि मुझे दो दीनदयाल उपाध्याय मिल जाएं , तो मै भारतीय राजनीत का नक्शा बदल दूं।”१९६७में कालीकट अधिवेशन में पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी को भारतीय जनसंघ का अध्यक्ष निर्वाचित किया गया। मात्र ४३दिन अध्यक्ष रहे ।११ फरवरी १९६८ की रात्रि में मुगलसराय स्टेशन (अब पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्टेशन) पर उनकी ट्रेन यात्रा के दौरान हत्या कर दी गई।उनके द्वारा लिखी गई प्रमुख पुस्तको में एकात्म मानववाद,दो योजनाएं, राजनीतिक डायरी, भारतीय अर्थनीति का अवमूल्यन, जगदगुरू शंकराचार्य,राष्ट्र जीवन की दिशा आदि हैं। अध्यक्षता करते हुए डॉक्टर महेश गुप्ता, संचालक डॉक्टर अरविन्द कुमार गुप्ता, डॉक्टर निशा गुप्ता, डॉक्टर राहुल हर्ष वर्धन, डॉक्टर नीलम गुप्ता, अंकित अग्रवाल, पंकज अग्रवाल, विकास यादव, सत्यवीर सिंह, वासु देव शास्त्री,अंकित कुमार, रविंद्र पाल शोभित कुमार ने विचार व्यक्त किए। फरमान खान, मुजीब खान,अफजल खान,अवधेश कुमार, प्रताप सिंह, नीरज कुमार, अमन कुमार, कु नेहा, कु पूनम, कु ममता,रीना,श्री मति मुन्नी देवी, रामेश्वर प्रसाद, मनोज कुमार,लाला विष्णु, प्रमोद कुमार, सतेंद्र सिंह,राहुल सिंह आदि उपस्थित रहे।