अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ के तत्वाधान में हुआ अतिथि व्याख्यान

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सम्भल/चन्दौसी (राकेश हर्ष वर्धन)। नगर के एनकेबीएमजी पीजी कालिज में अनुसधान एवं विकास प्रकोष्ठ के तत्वाधान तथा प्रकोष्ठ प्रभारी डा0 शिखा बंसवाल के संयोजन में अनुसंधान के विविध पहलू विषय पर अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया गया।

जिसका शुभारम्भ महाविद्यालय की प्राचार्या डा0 रेखा अग्रवाल तथा मुख्य अतिथि प्रोफेसर रेखा अग्रवाल डीन स्कूल आॅफ एजूकेशन सेन्टल यूनीवर्सिटी आॅफ साउथ बिहार ने मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर व पुष्प अर्पित कर किया।

      मुख्य वक्ता प्रो0 रेखा अग्रवाल ने अनुसंधान के विभिन्न पदों को स्पष्ट करते हुए अपने व्याख्यान में छात्राओं को बताया कि अनुसंधान की सबसे पहली आवश्यकता है समस्या का होना। अनुसंधान कर्ता अनुसंधान के प्रश्नों के सम्भावित उत्तर ढंूढ़ता है जिसे परिकल्पना कहते हैं। अगला चरण परिकल्पना की जांच है। जांच के बाद परिणाम निकाले जाते हैं और अंत में निष्कर्ष पर पहुंचते हैं।

प्राचार्या प्रोफेसर अलका रानी अग्रवाल ने मुख्य अतिथि के बहुमुखी व्यक्तित्व का परिचय सदन को दिया। उन्होने मुख्य अतिथ का आभार व्यक्त करते हुए उन्हें पुष्प गुच्छ देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम का सचालन कार्यक्रम संयोजिका प्रकोष्ठ प्रभारी डा0 शिखा बंसवाल ने स्वंय किया।

प्रकोष्ठ की सदस्याओं डा0 रीता, डा0 अमिता चैधरी, डा0 प्रीति चैधरी, डा0 नीता गुप्ता, प्रियंका का सहयोग रहा। इस अवसर पर डा0 रंजना अग्रवाल संस्कृत विभाग, डा0 सुमिता शर्मा, डा0 दीपा पाठक, डा0 अपर्णा राय, आरती ओझा, डा0 शीतल गहलौत, डा0 मोनिका राघव, अंजुलि अग्रवाल, डा0 सुमन गुप्ता, डा0 ममता शर्मा, डा0 बबली शर्मा, दिभि, महरुख फातिमा, साक्षी आदि शिक्षिकायें उपस्थित रहीं।