बहजोई (चंदौसी) अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून 2020 के उपलक्ष्य में प्रात: काल जनपद सम्भल के सभी महाविद्यालयों की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाइयों के कार्यक्रम अधिकारियों व स्वयंसेवक /स्वयंसेविकाओं द्वारा योग क्रियायें कर रोगप्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि व स्वस्थ भारत के निर्माण में योगदान का संदेश दिया गया । स्वयंसेविकाओं ने चित्रों के माध्यम से भी योग के लिये प्रेरित किया
इसके बाद पूर्वाह्न 11:00 बजे से महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्विद्यालय बरेली के राष्ट्रीय सेवा योजना प्रकोष्ठ के कार्यक्रम समन्वयक डॉ.सोमपाल सिंह व विश्विद्यालय परिक्षेत्र के सभी जनपदों के नोडल अधिकारियों के संयोजन में “कोरोना महामारी से बचाव में प्रतिरोधक शक्ति और योग की भूमिका” विषय पर एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया । कार्यशाला के मुख्य अतिथि विश्व प्रसिद्ध योग गुरु *आचार्य बालकृष्ण जी * ने वैदिक काल से वर्तमान समय तक योग व आयुर्वेद के जीवन में विशेष महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कोविड – 19 महामारी से सुरक्षा के लिये शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में योग का सर्वाधिक महत्व है । योग में जब आयुर्वेद का समावेश होता है तो सात्विक आहार – विहार व भारतीय जड़ी बूटियों के माध्यम से असाध्य बीमारियों पर भी विजय पायी जा सकती है । आचार्य जी ने कहा कि अश्वगंधा , गिलोय , तुलसी आदि का सही विधि से औषधीय रूप में सेवन कोरोना जैसी महामारी से लड़ने में भी सक्षम है ।
श्रीमद दयानंद गुरुकुल कन्या महाविद्यालय चोटीपुरा की आचार्या डॉ सुमेधा आर्य ने पश्चिम की भोगवादी संस्कृति से दूर रहने के लिये भारत की योग संस्कृति को अपनाना वर्तमान युवा पीढ़ी की सबसे बड़ी आवश्यकता है । विदेशों से भोग की वस्तुओं के साथ साथ रोग का वायरस भी स्वत: ही आयातित होगा । इसलिये आवश्यकता है कि हम आत्मनिर्भर बनें । अपनी योग व आयुर्वेद संस्कृति को अपनाकर सदा स्वस्थ निरोगी जीवन की ओर अग्रसर रहें ।
उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय सेवा योजना के क्षेत्रीय निदेशक डॉ अशोक श्रोती ने विश्विद्यालय के समस्त राष्ट्रीय सेवा योजना परिवार को इस आयोजन के लिये हार्दिक शुभकामनाएँ व बधाई देकर प्रोत्साहित किया । राज्य सम्पर्क अधिकारी डॉ अंशुमाली शर्मा जी ने स्वयंसेवकों सहित समस्त युवा वर्ग की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने हेतु योग जैसे विषय पर इस कार्यशाला के आयोजन के लिये आयोजकों की प्रशंसा की ।
महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्विद्यालय के कुलपति अनिल शुक्ला ने राष्ट्रीय सेवा योजना प्रकोष्ठ को योग पर आधारित इस कार्यशाला को आयोजित करने के लिये बधाई देते हुए कहा कि योग व आयुर्वेद भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग है । नित्य योग क्रियाओं द्वारा व्यक्ति सौ वर्ष से भी अधिक जीवन जी सकता है ।
विश्विद्यालय की कुलसचिव डॉ सुनीता पांडेय ने विश्विद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा कोरोना संकट काल में की जा रहे स्वयंसेवकों के सभी कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि योग दिवस पर इस कार्यशाला का आयोजन प्रशंसनीय है । जीवन शैली में नित्य योग – प्राणायाम को अपनाकर शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमताओं को बढ़ाया जा सकता है व हम रोगों से दूर रहकर स्वस्थ जीवन जी सकते हैं ।
बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय , वाराणसी के प्रोफेसर बी सी कापरी ने सभी स्वयंसेवकों को संबोंधित करते हुए कहा कि योग आपकी मुस्कान बनाये रखता है , कार्यों में कुशलता लाना योग का लक्ष्य है । योग जीवन में उत्साह प्रदान करता है ।
डॉ एल एन जोशी ने विभिन्न आसनों के माध्यम से अनेक प्रकार के रोगों से दूर रहने के विषय में जानकारी दी ।
योगाधारित इस अन्तर्राष्ट्रीय कार्यशाला में जनपद सम्भल से राष्ट्रीय सेवा योजना की नोडल अधिकारी डॉ रीता , कार्यक्रम अधिकारी डॉ अनुभा गुप्ता , डॉ अनुपम स्वामी , डॉ गीता वाष्णेय , मीनाक्षी सागर सहित अनेक सक्रिय स्वयंसेवक व स्वयंसेविकाएँ आदि सम्मिलित हुए । कार्यक्रम का कुशल संचालन राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम समन्वयक डॉ. सोमपाल सिंह ने किया व अंत में एस बी डी कॉलेज धामपुर की प्राचार्या डॉ. पूनम चौहान ने सभी अतिथियों व प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया ।