ऑनलाइन लोकगीत संध्या का आयोजन ‘ सावन की रिमझिम के संग लोकगीतों के रंग ‘

0
172

ऑनलाइन लोकगीत संध्या का आयोजन
‘ सावन की रिमझिम के संग लोकगीतों के रंग ‘

चन्दौसी । महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय बरेली के राष्ट्रीय सेवा योजना प्रकोष्ठ द्वारा भारत सरकार के ‘ एक भारत श्रेष्ठ भारत ‘ कार्यक्रम के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश के जुड़वां राज्य अरुणाचल प्रदेश के साथ एन. के. बी. एम. जी. (पी. जी.) कॉलेज चन्दौसी जनपद सम्भल की राष्ट्रीय सेवा योजना की नोडल अधिकारी डॉ. रीता के संयोजन में सावन की हरियाली तीज के अवसर ऑनलाइन ‘ लोकगीत संध्या ‘ का आयोजन किया गया । विश्व व्यापी कोरोना संक्रमण के कारण प्रसारित महामारी कोविड – 19 से व्याप्त नीरसता के वातावरण में सबके चेहरों पर विलुप्त हो गयी सुकून भरी मुस्कान लाने का प्रयास करते ‘ सावन की रिमझिम के संग , लोकगीतों के रंग ‘ कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश व अरुणाचल प्रदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों की स्वयंसेविकाओं व कार्यक्रम अधिकारियों द्वारा दोनों राज्यों की लोकसंस्कृति पर आधारित लोकगीतों की मधुर प्रस्तुति ने सभी श्रोताओ का मन मोह लिया ।
विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना की गतिविधियों के प्रेरणा स्रोत कार्यक्रम समन्वयक डॉ सोमपाल सिंह के कुशल दिशा निर्देशन में आयोजित इस सांस्कृतिक संध्या का शुभारंभ झम्मन लाल (पी.जी.) कॉलेज हसनपुर की कार्यक्रम अधिकारी डॉ. नीति शर्मा द्वारा गणपति वंदना से किया गया । मुरादाबाद की कनिका मल्होत्रा ने वाद्य यंत्रों के साथ ‘ घिर आयी है काली बदरिया….’ , पूर्व स्वयंसेविका मीनाक्षी ठाकुर ने ‘ जहार जी का दीवला…’ , बिजनौर की आरजू प्रजापति ने ‘ कच्चे नीम की निमोली सावन जल्दी अइयो रे..’ , बरेली की शीतल बिष्ट ने ‘ आया तीज का त्यौहार..’ , अरुणाचल प्रदेश की स्वयंसेविकाओं पकंगम लॉम्बी व तपी सीमा ने अरुणाचली लोक संस्कृति से संबंधित बहुत सुरीले लोकगीतों का गायन किया । जे एस एच कॉलेज अमरोहा व दास कॉलेज बदायूँ की कार्यक्रम अधिकारी डॉ. संयुक्ता देवी व डॉ. रश्मि सक्सेना ने क्रमशः रा से यो परिवार को आशीष प्रदान करती विषयवस्तु लिये व ब्रज भाषा के गीत प्रस्तुत कर सभी को आनंदित किया । इसके अतिरिक्त स्वयंसेविका लिपिका (मुरादाबाद) , नेहा शाक्य , अल्का शाक्य (बदायूँ), मानसी तोमर (सम्भल) , साधना कुमारी (अलीगढ़), माधवी शर्मा , अनुराधा (अमरोहा) , निशा ,यशिका (बिजनौर) , प्रियंका रंजन , प्रज्ञा श्रीवास्तव ,आयुषी त्रिपाठी (शाहजहांपुर ) ने सावन के झूलों पर आधारित लोक संस्कृति से सराबोर सुंदर – सुंदर गीतों को प्रस्तुत कर उपस्थित श्रोताओं की वाह – वाही प्राप्त की ।
उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय सेवा योजना में ‘ मुस्कुरायेगा इंडिया ‘ अभियान के प्रणेता राज्य सम्पर्क अधिकारी डॉ. अंशुमाली शर्मा ने आयोजक मंडल सहित स्वयंसेवकों व कार्यक्रम अधिकारियों को इस अनूठे कार्यक्रम के लिये बधाई दी और दोनों राज्यों की लोक संस्कृति को गीतों के माध्यम से प्रस्तुत करने के स्वयंसेविकाओं के प्रयास की सराहना की ।
राजीव गांधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय , अरुणाचल प्रदेश के संगीत कला विभागाध्यक्ष डॉ. अशोक बर्मन ने अपने उद्बोधन में लोकगीत गायन करने वाली सभी स्वयंसेविकाओं को उनकी संगीतमय प्रस्तुति के लिये शुभकामनायें प्रदान कीं ।
लोक गीत संध्या में संयोजक मंडल की सदस्या डॉ. प्रीति पांडेव व डॉ. शबाना साजिद सहित महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्विद्यालय परिक्षेत्र में राष्ट्रीय सेवा योजना के नोडल अधिकारी डॉ धनंजय सिंह (बिजनौर) , डॉ राकेश जायसवाल (बदायूँ) , कार्यक्रम अधिकारी डॉ. कनक चौहान , डॉ. रश्मि सक्सेना , डॉ. अनुभा गुप्ता , डॉ रेनू चौहान , डॉ. अनु महाजन , मीनाक्षी सागर , डॉ. गीता रानी , डॉ. अनुपम स्वामी आदि की उपस्तिथि रही । कार्यक्रम का संचालन डॉ. सोमपाल सिंह व डॉ. रीता सिंह ने संयुक्त रूप से किया ।